भगवान कृष्ण गोपालन करते हैं।

नेहा!
29 Jan 2019
भगवान कृष्ण गोपालन करते हैं।
भगवान कृष्ण स्वयं अपने उदाहरण से यह शिक्षा देते हैं की गायों से कैसे व्यवहार किया जाये। उन्होंने गौ-हत्या से सम्बंधित कोई उदाहरण नहीं दिया है। वे गायों एवं बछड़ों का पालन-पोषण करते थे। वे बंदरों को भी मक्खन बांटा किया करते थे। चारागाह गायों के स्तनो से दूध टपकने से गीली हो जाया करती थी। यह कृष्ण (प्रेम) है। तथा वे स्वयं देखभाल किया करते थे। तो कृष्ण-भक्तों को क्यों नहीं करना चाहिए? गायों की रक्षा कीजिये और दूध का उपयोग कीजिये। यह कृष्ण-भावनामृत का ही एक अंग है।
भगवान के पास वापस जाना - सब कुछ जो आपको जानना आवश्यक है!।
हम कुत्ते और सूअर (कुकर और सूकर) नहीं पालते हैं, हम गाय पालते हैं क्योंकि हम कृष्ण-भावनाभावित हैं। भगवान कृष्ण ने कुत्ते नहीं पाले जैसे आजकल के कई बड़े-बड़े व्यक्ति पालते हैं। भगवान कृष्ण ने ऐसा नहीं किया। यदि हम भगवान कृष्ण के निर्देशों का पालन करते हैं तो हम सही हैं। हमें कोई अविष्कार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि हम केवल वही पालन करें जो भगवान कृष्ण द्वारा निर्देशित है तो हम आदर्श बन जायेंगे।
- श्रील प्रभुपाद - २७ जून, १९७६, न्यू-वृन्दावन, अमेरिका।
भगवान के नाम का जप करिए और ख़ुश रहिए।
“हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।”
“परम विजयते श्रीकृष्ण संकीर्तनम” इस कलियुग में यह संकिर्तन आंदोलन (कृष्ण के पवित्र नाम का सामुहिक जाप) मानवता के लिए प्रमुख वरदान है)।
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