भगवान के पवित्र नाम का मूसलाधार बौछार!

bhagwan ke naam
वेदास!
6 Jul 2019

भगवान के पवित्र नाम का मूसलाधार बौछार!!


दावाग्नि (जंगल की आग) का असर ऐसा है कि जब आप इससे मिलों दूर होते हैं तो भी आप इसकी शक्ति, गर्मी, तीव्रता को महसूस कर सकते हैं, और इसकी लालीमा, धूम्र के तरंगो को देख सकते हैं ... यह नियंत्रण से बाहर होता है। दावग्नि के रास्ते में जो कुछ भी होता है उसे वह निगल जाता है। यह बहुत भयावह होता है। प्रभुपाद ने समझाया है कि इस दावग्नि को रोकने के लिए भले ही आप किसी भी मात्रा में बाल्टी की पानी या अग्नि शमन इंजन, या पानी लाएं, लेकिन रोका नहीं जा सकता है। किंतु जब, भगवान की कृपा से कुछ मूसलाधार बारिश गिरती है और इसे ख़त्म कर सकती है। बस उग्र दावग्नि को और कुछ भी नहीं रोक सकता है।

तो महाप्रभु वही कह रहे हैं: भौतिक संसार में अस्तित्व के लिए कार्यकाल दावाग्नि के समान है। भव का मतलब भौतिक अस्तित्व है। महादावाग्नि - जंगल की भयानक आग। निर्वाणम - बुझाना। इसके अलावा, जो पवित्र नाम का आश्रय नहीं ले रहा है, वह पूरी तरह से अपनी भौतिक कठिनाइयों से निपटने का प्रयास करता है। कृष्ण भगवद्गीता में कहते हैं - दैवी ही ईस गुण-मयि मम माया दुरात्यया - बहुत मुश्किल, संघर्ष, संघर्ष, बहुत कठिन संघर्ष ... लेकिन जो भगवान के पवित्र नाम का आश्रय लेता है, उसके लिए यह घोर संघर्ष इस एक बात से (भगवान के पवित्र नाम से) ही बुझ जाता है। पवित्र नाम इतनी शक्तिशाली है, जैसे उग्र दावाग्नि पर मूसलाधार बारिश।

(कई वर्षों पहले गीता नागरी में परमपूज्य रोमपाद स्वामी द्वारा शिक्षाष्टकम् पर दिए गए अज्ञात प्रवचन से!)

परम विजयते श्रीकृष्ण संकीर्तनम!! यह संकिर्तन आंदोलन (कृष्ण के पवित्र नाम का सामुहिक जाप यानि कि कीर्तन) मानवता के लिए प्रमुख वरदान है।

सदा ही भगवान के नाम जपिए और ख़ुश रहिए!!

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

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