भगवान से जुड़े बिना क्या हमें शांति मिल सकती है?

man ki shanti kaise paye
वेदास!
8 Aug 2019

क्या भगवान से जुड़े बिना शांति मिल सकती है।

भगवद्गीता के अध्याय 5 के 29 श्लोक में भगवान कृष्ण कहते है..

 

भोक्तारं यज्ञतपसां सर्व लोकमहेश्र्वरम् |

सुहृवदं सर्वभूतानां ज्ञात्वा मां शान्तिमृच्छटत ||

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मुझे समस्त यज्ञों तथा तपस्याओं का परम भोक्ता,समस्त लोंकों तथा देवताओं का परमेश्र्वर एवं समस्त जीवों का उपकारी एवं हितैषी जानकर मेरे भावनामतृ से पूर्ण पुरुष भौतिक दुखों से शान्ति लाभ करता है।

इस श्लोक में भगवान कृष्ण बता रहे है कि उसे जाने बिना कोई भी वास्तविक शांति प्राप्त नहीं कर सकता है। सब कुछ उनसे ही आया था। वे ही सब कुछ( भौतिक और आध्यात्मिक) के स्रोत हैं। जो व्यक्ति इस तथ्य को जानता है वह पूर्ण विश्वास एवं श्रद्धा से उनकी पूजा में लगता है। क्योंकि कृष्ण ही स्वामी हैं और हम सभी उनके दास हैं। हम उनके आनंद के लिए बने हैं इसीलिए हमारा परम कर्तव्य है कि पूर्ण प्रेम और भक्ति के साथ उनकी सेवा करें। जब हम प्रीति पूर्वक श्रद्धा और भक्ति के साथ स्वामी की सेवा करेंगे तभी वास्तविक शांति प्राप्त होगी। और यह कैसे सम्भव है? हमें अपने को प्रामाणिक गुरु/भक्तों के निर्देशन में रहकर भगवान विष्णु (कृष्ण) की सेवा में लग करके ये संभव है। जैसे कि ये सेवा है भगवान के नाम, धाम, गुण, रूप तथा लीला की महिमा का श्रवण, कीर्तन जप और स्मरण करना इत्यादि।"

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“परम विजयते श्रीकृष्ण संकीर्तनम” यह संकीर्तन आंदोलन मानवता के लिए परम वरदान है। इसीलिए सदा ही भगवान के नाम का जप करिए और ख़ुश रहिए।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। 😇🙏😇

हरे कृष्ण

रामानन्द दास

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