भक्त समस्याओं का समाधान कैसे करता है?

राजेश पाण्डेय, पीएच॰डी॰ !
23 Feb 2019
यहां ये ब्राह्मास्त्र आता है। इसका मतलब है कि हमारे लिए यहां एक समस्या आती है। यह छोटा, मध्यम या बड़ा हो सकता है, या जानलेवा समस्या हो सकती है। एक भक्त जानलेवा समस्या के साथ क्या करता है? अर्जुन - क्योंकि वह अर्जुन है - तुरंत वो अपना मन कृष्ण पर लगाये, और कृष्ण ने उन्हें प्रेरणा दे दी कि क्या करना है।
कृष्ण और धर्म के बीच संबंध क्या हैं?
अंततः कृष्ण ही भक्तों और अभक्तों के लिए सभी परिस्थितियों के नियंत्रक है। भक्तों और अभक्तों के बीच का अंतर यह है कि भक्त कृष्ण पर निर्भर करते हैं। और जब उनपर निर्भर करते हैं तो जब आप के जीवन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ आती हैं तो आप कृष्ण पर ही निर्भर होते हैं। कृष्ण, अपने भक्त पर प्रेम करते हैं और वो मौजूद रहते हैं।
ऐसा नहीं है कि अगर मैं भक्त बनूंगा और हमारे जीवन में कोई समस्या नहीं आयेगी। आप भक्त बन जाते हैं तो कृष्ण परेशानियों को इसतरह आयोजित करते हैं ताकि आप कृष्ण पर अधिक निर्भर महसूस कर सकें। कृष्ण के साथ संबंध होने से और उनपर अधिक निर्भरता के कारण स्वयं कृष्ण कुछ प्रेरणा देते हैं कि कैसे इस विपरीत हालात को दूर करें। लेकिन उनके उपर निर्भरता की भावना और मजबूत हो जाती है। यही अर्जुन ने किया था।
भगवान उनके सर्व-शुभ स्वरूप को कब प्रकट करेंगे?
परमपूज्य रोमापादा स्वामी के द्वारा नोवेम्बर ७, २००७ को मेनियापोलिस अमेरिका में श्रीमद भगवताम १.७.१२-२१ के ऊपर दिए गए प्रवचन से संकलित।
सदा ही भगवान के नाम का जाप करिये। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। और ख़ुश रहिए “परम विजयते श्रीकृष्ण संकीर्तनम” इस कलियुग में यह संकिर्तन आंदोलन (कृष्ण के पवित्र नाम का सामुहिक जाप) मानवता के लिए प्रमुख वरदान है।
हरे कृष्ण
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