ओम जय जगदीश हरे आरती

Manish!
23 Feb 2019
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे । ॐ जय जगदीश हरे ।।
जो ध्यावे फल पावे, दुःखबिन से मन का,
स्वामी दुःखबिन से मन का ।
सुख-सम्पति घर आवे, सुख-सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का । ॐ जय जगदीश हरे ।।
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी,
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा,
आस करूँ मैं जिसकी । ॐ जय जगदीश हरे ।।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी,
स्वामी तुम अंतर्यामी । पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी । ॐ जय जगदीश हरे ।।
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता, मैं मूरख फलकमी
मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता । ॐ जय जगदीश हरे ।।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूँ दयामय, किस विधि मिलूँ दयामय,
तुमको मैं कुमति । ॐ जय जगदीश हरे ।।
दीनबंधु दुःखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ हठाओ, अपने सरण लगाओ
द्वार पडा तेरे । ॐ जय जगदीश हरे ।।
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वामी पाप हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढाओ, श्रद्धा भक्ति बढाओ
संतन की सेवा । ॐ जय जगदीश हरे ।।
स्वामी जय जगदीश हरे
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