यदि हमारे साथी भक्त भक्ति से भटक जाते है तो हमें क्या करना चाहिए

नेहा!
26 Feb 2019
यहां पर भक्तिसिद्धान्त् सरस्वती ठाकुर ने कहा है कि यदि हमारे साथी भक्त भक्ति से भटक जाते है तो हमें क्या करना चाहिए:
अगर गुरूभाई हरि, गुरु और वैष्णव, हरि-सेवा के मंच से भटक जाते है, तो आपको यह सोचना चाहिए कि आपका अपना भाई भटक रहा है। आपको उन्हें अच्छी तरह से स्थिति समझानी चाहिए और हरि-भजन के बारे में खुले तौर पर सलाह देना चाहिये। उनके साथ लाभदायक हरि-भजन तथा गुरु और गौरांगा का संदेश सुनायें। अगर आप केवल उनके पतन पर टिप्पणी करते हैं, तो आप उनके शुभचिंतक नहीं हैं।
भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर के अंतिम निर्देश: खंड १
आपको उससे भगवान के बारे में बात करके दया दिखाने की ज़रूरत है। ऐसा करने से आप अपने आपको भी लाभान्वित करेंगें और मठ में रहने का आपका लक्ष्य पूरा हो जाएगा। हम एक दूसरे के साथ भगवान की सेवा करने में मदद करने के लिए रह रहे हैं।
क्या मैं अपने उत्तेजित मन को नियंत्रित कर सकता हूं?
हम इस दुनिया में बहुत लंबे समय तक नहीं रहेंगे। यदि हम लगातार हरि-किर्तन में लगे रहने पर मर जाते हैं, तो हमारा जन्म सफल होगा। हम इस दुनिया में सुतार बनने के लिए तथा लकड़ी और पत्थर से निपटने के लिए नहीं आए हैं। हम केवल श्री चैतन्यदेव के संदेश के वाहक हैं।
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